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लाल किले पर झंडा फहराने वाले सभी कुशल प्रधान मंत्री

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स्वतंत्रता दिवस एक महान पर्व है, जिसकी प्रतीक्षा हम सभी भारतवासी को हर वर्ष रहता है . स्वतंत्रता का आशय है आजादी . वर्षों हो गए देश को आजाद हुए. देश आजाद हुआ !

क्या हमारी सोच आजाद हुई?
और क्या हम आजाद हुए?
हमारी मानसिकता आजाद हुई?
हम राजनैतिक रूप से किसी विदेशियों के शासन से मुक्त हुए हैं,लेकिन अपनों से आजाद हो पाये?
सामंतों से आजादी मिली?
बाल मज़दूरी से आजादी मिली?
महिला उत्पीड़न से आजादी मिली?
बंधुआ मज़दूरी से आजादी मिली?
निजी संस्थानों के दमन से आजादी मिली?
पुलिस के डर से आजादी मिली?
गुंडों के अपराध से आजादी मिली?
राजनीति में अपराधियों से आजादी मिली?
आतंक से आजादी मिली?
घृणित सोच से आजादी मिली?
कटुता से आजादी मिली?
कृपणता से आजादी मिली?
कालाबाज़ारी से आजादी मिली?
कुकर्मियों से आजादी मिली?
प्रदूषण से आजादी मिली?
शोषण से आजादी मिली?
………………………..इत्यादि ढेरो प्रश्न अभी भी आजादी के इंतज़ार में प्रश्न ही बने हुए है.
तो क्या हम आज़ादी का जश्न न मनाएं? इस का उत्तर कृपया पाठकगण स्वयं दें तो शायद ज्यादा सटीक उत्तर मिल पायेगा.

जो भी हो उत्तर खोजे जायेंगे लेकिन हम महीनो पहले से १५ अगस्त की व्याकुलता से उसके आगमन की प्रतीक्षा करते हैं ,सर्वत्र धूम मची रहती है ,इस पावन अवसर पर बच्चे से बुजुर्ग तक सभी उत्साहित रहते हैं . हर राज्य, हर क्षेत्र अर्थात देश के हर कोने कोने में उल्लास के साथ इस पर्व को मनाया जाता है . इस पावन पर्व पर हम अपने शहीद हुए वीर पूर्वजों को याद करते हैं उन्हें श्रंद्धांजलि अर्पित करते हैं . उनलोगों के बलिदान के कारण ही हम आजाद भारत में साँस ले रहे हैं . हमारे बापू के अथक परिश्रम उनके लगन, त्याग, और तपस्या के कारण ही आज हम देशवासी आजाद हैं . नेहरूजी के कठिन संघर्ष उदारता , सुभाष चन्द्र बोस , चंद्रशेखर आजाद , सरदरवल्लवभाई पटेल , लाल बहादुर शास्त्री इत्यादि अनेकों महान विभूतियों के संघर्ष एवं कठिन परिश्रम व बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्र हैं. इनसभी के योगदान को कैसे कोई भूल सकता है कोई? हृदयहीन ही इन लोगों के कुर्बानियों भूल सकता है . तन मन धन सभी लूटा दिए शहीदों ने . कोई अपनी नव विवाहिता पत्नी को , कोई अस्वस्थ पत्नी को तो कोई अपनी वृद्ध माता-पिता , तो कोई नवजात शिशु तो कोई विवाह योग्य बेटी को छोड़कर भारतमाता को सर्वोपरि मानकर अपने जीवन का होम कर दिया . हँसते हँसते देश के लिए शहीद हो गए . अपनी बलि दे दी .
प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की आवाज आज भी हमारे मन में गूंजता रहता है उनकी वाणी में इतनी मिठास थी, गंभीरता थी जिससे बरबस लोग आकर्षित हो जाते थे . “जय हिन्द” के उच्चारण में जो जज्बा थी, देश भक्ति थी उसे भूलना असंभव है . स्व.राजीव गांधी के ओजपूर्ण भाषण १५ अगस्त को ह्रदय को मर्माहत कर देता है. उनकी देश भक्ति मातृ भक्ति को देश सदा सर्वदा याद रखेगा .अटल बिहारी वाजपेयीजी का मदहोश करनेवाली आवाज सबको चकित कर देता है १५ अगस्त को उनके भाषण का बेसब्री से प्रतीक्षा करते थे. देश क्या सम्पूर्ण विश्व कायल है. डॉ .मनमोहन सिंहजी की विद्वत्ता तथा ईमानदारी अविस्मरणीय रहेगा इन सभी को इतिहास सदा याद रखेगा .सभी देशवासी कृतज्ञ रहेंगे उनलोगों के योगदान को कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता . देश में आज तक के सभी प्रधानमंत्रियों ने भारत का सम्मान बढ़ाया है ,गौरवान्वित किया है
आज हम सभी भारतवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के १५ अगस्त के भाषण की प्रतीक्षा में हैं. कुछ ही दिनों के कार्य काल में जनता मुग्ध है ,उनका पडोसी देशों के प्रति सम्मान, देशप्रेम तथा कठिन परिश्रम उनको महान बना रहा है .सियाचिन जाना उनके देश के प्रति प्रगाढ़ स्नेह दर्शाता है , उनके भाषण को सुनने की सबको उत्सुकता है .
सबसे अधिक देश को सुरक्षित रखने का श्रेय हमारी सेना को जाता है .उनके परिश्रम त्याग देश के लिए मर-मिटने की जज्बा ही देश को सुरक्षित रखता है ये जांबाज़ न गर्मी की तपिश , न बारिश की बौछार , न ठंढ की परवाह बस निरंतर सेवा में तत्पर रहते हैं , बिना परिवार की परवाह किये अपने त्याग से तपस्या से अहर्निश सेवा में तल्लीन रहते हैं . बॉर्डर को ही तपोभूमि सदृश समझ कर कर्त्तव्य -पथ पर अग्रसर रहते है. स्वयं के लिए नहीं पर-हितार्थ जीवित रहते हैं इनके त्याग से ही हम महफूज़ हैं सुरक्षित हैं . इन वीर सपूतों को नमन .
आज हम सभी भारतवासियों से आग्रह करते है कि जाति भेद धर्म भेद ,अर्थात भेद भाव रहित होकर ,राजनितिक विभेद अर्थात ये बी जे .पी., है, कांग्रेस है जनता पार्टी है, आम आदमी पार्टी इत्यादि से दूर रहकर जो अच्छा काम करे, कर्तव्य का पालन करे उसकी सराहना करनी चाहिए . देश की तरक्की कैसे होगी , संसार में सर्वश्रेठ देश कैसे बनेगा इसका यत्न करना चाहिए .
लाल किले पर झंडा फहराने वाले सभी कुशल प्रधान मंत्री ने शायद उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर सही हो सकारात्मक हो इसका प्रयास किया . अब आगे मोदीजी से पूरे हिंदुस्तान को आशा है की वे सारे प्रश्नों का सकारत्मक एवं सटीक तथा सही उत्तर 125 करोड़ जनता दे दे , ऐसा कुछ ज़रूर करेंगे . .
जय हिन्द !

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