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क्या हिंदी सम्मानजनक भाषा के रूप में मुख्य धारा में लायी जा सकती है? अगर हाँ तो किस प्रकार, अगर नहीं तो क्योँ नहीं?

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हिंदी सम्मानजनक भाषा है. यह संसकारी भाषा है. इसे मुख्य धारा में निश्चित रूप से लायी जा सकती है. यह राष्ट्र भाषा है. राष्ट्र भाषा सम्पूर्ण देश की भाषा होती है. अतः इसे सभी देशवासियों को बोल-चाल के रूप में प्रयोग करनी चाहिए.
हिंदी को दिल से अपनाना चाहिए,हृदय में रखनी चाहिए . ह्रदय में रख कर मुख्य धारा में लायी जा सकती है.
देश के सभी पाठशालाओं , महाविद्यालाओं एवं विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी नहीं हिंदी का वर्चस्व होने से इसे मुख्य धारा में लायी जा सकती है.
अधिक से अधिक कार्यालयों में कार्य हिंदी भाषा में हही निपटने से इसे मुख्य धारा में लायी जा सकती है.
राष्ट्र की एकता को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए राष्ट्र भाषा अनिवार्य होती है, इसे सुदृढ़ बनाकर मुख्य धारा में लायी जा सकती है.
विभिन्न राज्यों में अलग-अलग भाषा होते हुए भी इन राज्य के लोगों के साथ अपनी अभिव्यक्ति बांटने के लिए राष्ट्र भाषा का प्रयोग कर मुख्य धारा में लाया जा सकता है.
हिंदी सम्मानजनक भाषा के रूप में मुख्य धारा में तो है ही लेकिन अंग्रेजी भाषा के बढ़त से धूमिल पर गई है, इसे झाड़-पोंछ कर मुख्य धारा में लाना ही होगा.
कंप्यूटर पर हिंदी में ही कार्य करने से इसे मुख्य धारा में लाया जा सकता है.
प्रतियोगिता परीक्षा में हिंदी भाषा के उपयोग से इसे मुख्य धारा में लाया जा सकता है.
हिंदी वैज्ञानिक भाषा है, इसमें ज्योतिष एवं गणित के अनेक सब्द हैं. यथावत विभक्ति हटाकर हिंदी ग्रहण कर लिए जाते हैं. इस नेट या प्रचार के माध्यम से देशवासियों में यह धरना जागृत करने से
इसे मुख्य धारा में सुगमता से लायी जा सकती है.
हिंदी पर पड़े विदेशी भाषा के प्रभाव को दूर कर हिंदी भाषा की मिठास से अवगत करवाकर
मुख्य धारा में लायी जा सकती है.
जापान और चीन जैसे अनेकों मुल्क हैं जहाँ अंग्रजी से अधिक महत्व वहां की राष्ट्र भाषा का है और ये देश हम से अधिक विकसित भी है, अतः राष्ट्र भाषा हिंदी में ही अध्ययन हो और सम्पूर्ण कार्य हिंदी भाषा में हो तो हमारी विकाश की गति और तेज हो सकती है.
कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हर घर में अंग्रेजी के प्रभाव को महत्वहीन बनाकर
इसे मुख्य धारा में लायी जा सकती है.
“मन के हारे हार है, मन के जीते जित”. इस उक्ति का सहारा ले कर भी अर्थात अपने मनोबल को ऊँचा उठाकर
मुख्य धारा में लाया जा सकेगा.
जैसे चन्दन की खुशबु से सम्पूर्ण वातावरण सुवासित हो जाता है उसी तरह बच्चे से बूढ़े तक सब में अलख जगाकर इसकी महत्ता को जागृत कर
इसे मुख्य धारा में लाया जा सकता है.
देश के सभी संस्थानों में चाहे वो इंजीनियरिंग हो या मेडिकल किसी भी क्षेत्र में हिंदी का प्रयोग तथा बोल-चाल की भाषा हिंदी होने से
इसे मुख्य धारा में लायी जा सकती है.
हिंदी का कंप्यूटर ‘की – बोर्ड’ बहुत विस्तृत है. इसमें सब अक्षर – प्रतीक होते हैं. विशेष कर संयुक्त अक्षरों की तो कोई कमी नहीं है. जैसे क्त ,खट्टा,स्पष्ट, अंग,मंच, सब है. इस बात को जन -जन में प्रचार करके इसे मुख्य धारा में लाया जा सकता है.
‘हिंदी शब्दकोष’ द्वारा अपनी शब्द शक्ति को मजबूत बनाकर उसका उपयोग करके भी
इसे मुख्य धारा में लाया जा सकता है.
हमें यह प्रयत्न करना चाहिए की कहीं यह अति उत्कृष्ट एवं उन्नत भाषा होते हुए भी संस्कृत की तरह विलुप्त होने के कगार पे न पहुँच जाये.

दुनियां को दिखाना है
हिंदी का जमाना है
हिंदी हमारी शान है
हिंदी ही हमारी मान है.

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