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रात के अँधेरे के बाद
नयी सुबह आयी है,
ओस रूपी अमृत बरसाकर
सूनी राह को झंकृत करने आयी है.
प्रकाश रूपी उजाले का उपहार ले कर
नयी सुबह आई है
भूले भटके राही को राह दिखाने आयी है.
मदिरालय में मदहोश
बेसुध को सुध दिलाने आयी है,
सुगन्धित फूलों सा
वातावरण मधुर बनाने आयी है.
फूलों की हर पंखुड़ी से
भ्रमर गीत सुनाने आया है.
हर माँ की आँखों के तारे को
ध्रुव बनाने आयी है.
सभी के सपनों को सच करने
और अरमां जगाने आयी है.
हर भटके जीवों को
इन्सान बनाने आयी है.
रात के स्याह को मिटाकर
नयी सुबह आयी है.
डा. रजनी.
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