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पिता स्वर्गः पिता धर्मः
पिता ही परमम् तपः
पितरि प्रीति प्रितिमापन्ने
सर्वे तुष्यन्ति देवताः.
इस पावन दिवस पर पापा आपको शतशः नमन.
आपके निःस्वार्थ प्यार के कारण ही हम सभी भाई बहन अपने परिवार में आनंद पूर्वक जीवन व्यतीत कर रहें है. अपने कभी अपनी परवाह नहीं की,सदैव हमारेलिये ही सोचा है. हमारे विपरीत परिस्थिति में संकट मोचक की तरह हमारे संकट को दूर किया है. आप मेरे गुरु भी है.आपके श्रीचरणों में बैठ कर ही हम ने विद्या आरम्भ की है.आप इस संसार के सबसे अच्छे पिता है. हमारे जीवन की संपूर्ण अभिलाषा को आपने पूर्ण की है. बचपन में पिता का संगरक्षण किसी भी संतान के लिए अनमोल होती है. मेरे लिए यह अनमोल छत्र छाया हमारे जीवन पर्यंत रहे.
पापा आप अरुणोदय हैं
आप करुणा के सागर हैं
अपने छात्रों के पिता सदृश्य हैं
सभी बच्चों के रक्षक हैं
ज्ञान के भंडार हैं
माँ दुर्गा के उपासक हैं
हम सब केलिए
जीवन जीने की प्रेरणा हैं
हमारे कुल के कुलाधिपति हैं
मेरे लिए इस धरती पर
इश्वर सदृश्य है.
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