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माँ- “मदर्स डे”

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“मदर्स डे” के उपलक्ष्य में माँ तुझे कोटिशः नमन.
सबसे प्रथम भारत माता को नमन. इस पावन दिवस का प्रारंभ १६०० ई. में ग्रीक साम्राज्य में “मदर्स डे ” का उल्लेख है. ग्रीक देवताओं की माँ ‘रेया’ के सम्मान में ‘मदर्स डे’ मनाया जाता था. उसके बाद जीसस क्राइस्ट की माँ मरियम की याद में यह दिन मनाया जाने लगा. दस मई १९०८ को ‘मदर्स डे’ मनाया गया. उसके बाद सम्पूर्ण विश्व में मई महीने के दुसरे रविवार को मनाया जाने लगा.
आज इस पवित्र तिथि के शुभ अवसर पर माँ आपको सलाम. माँ आपके कारण ही आज हमारा अस्तित्व है. मैं जो कुछ भी हूँ आपके कारण ही हूँ., आप तो ममता की मूर्ति हैं. आपने मुझे इत स्नेह दिया जिसे इस पृष्ठ पर लिखना असम्भव है. आप मेरे लिए देवी सदृश्य हैं. आप हमारे परिवार की सुरक्षा कवच हो.हमारे सभी भाई बहन आपके ही त्याग के कारण प्रसन्नता से जीवन व्यतीत कर रहें हैं. माँ आप तो हमारे लिए उस बृक्ष की तरह हैं जो अपनी छाया से सबको शीतलता प्रदान करता है. आप ठीक वैसेही हमारे परिवार को अपनी सहनशीलता से, त्याग से, ममता से सींच रही हैं. आपने हमें ही नहीं हमारे बच्चों को भी अपनी वात्सल्यता से सरोवार कर रखा है. मुझे आप पर गर्व है. भगवान की असीम अनुकम्पा है जो उनहोंने मुझे आपकी बेटी बनाया. प्रभु से यह प्रार्थना है कि वे हमारे घर की सभी महिलाओं को आपके जैसे ही सहनशील, त्यागमयी, ममतामयी,वात्सल्यमयी एवं दयालु बनायें.
अपनी माँ के अतिरिक्त और भी ममतामयी महिलाएं जो मेरी माँ की तरह ही मेरे ऊपर अगाध स्नेह रखती हैं , रखती थी उनके सम्बन्ध में उल्लेख करना हम अपना पुनीत कर्तव्य समझते हैं.
स्वर्गीय दाई (पर दादी )को नमन , स्व. बड़ी माँ को कोटिशः नमन, स्व.दीदी (बुआ ) को नमन, स्व.नानी माँ को शतशः नमन. हमारा परिवार इन सब के स्नेह और त्याग के कारण ही इतना समृद्ध तथा संपन्न है. स्व. मंजू ठाकुर, (जो की प्रोफ़ेसर थीं) ,मेरी आंटी , मेरी अध्यापिका भी थीं. मुझे सदैब पुत्री सदृश्य ही स्नेह दिया करती थी, उनको कोटिशः नमन. मुझे विश्वास है ये लोग जहाँ भी होंगी मुझे आशीर्वाद दे रही होंगी.
अंत में मेरी मांजी (सास) का स्नेह भी सर्वदा मेरे ऊपर रहा है. उनके भी त्याग और तपस्या के कारण मेरा परिवार(ससुराल ) नेपाल के अच्छे परिवारों में गिना जाता है.

माँ तुम शुभ- प्रभात हो
अमृत की तरह निर्मल हो
जल की तरह शीतल हो
प्रेम रस की घड़ा हो
ममता की मूर्ति हो
मरियम की तरह शांत हो
दुर्गा माँ की तरह शक्ति-स्वरूपा हो
अद्भुत सहनशील हो
करुना का सागर हो
जीवन की आधार हो
माँ तुझे प्रणाम.

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